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मर्ज़ी से अर्जी़ का सफ़र , और इस सफ़र की मंज़िल - बुढ़ापा ! - 15.01.2016


कुछ जाले हटाकर , आज अपना एक हिस्सा माज़ी से छीन लाई । 
कुछ बातों को और उनसे जुड़ी यादों को ,एक आखिरी अलविदा कह आई... 15.01.2016


चाँद -सा रहना चाहा था बस, जिसके दाग है, फिर भी उससे रात रोशन हो उठे । पर भूल गए थे हम, कि चाँद की रोशनी आती तो है, पर सूरज के आँच से ही । - 10.01.2016


वफ़ा और बेवफ़ाई के इस दुनिया से गुज़रकर आलम ऐसा आया,
कि खुदा से अपनी वफ़ाओं का सिला माँगने से कतरा रहा है अब मन...
न जाने हिसाब- किताब में कहीं उनसे न बेवफ़ाई हो गई हो ।          - 10.01.2016


Some lies are so wonderful to live through! But alas, they ultimately are lies.... - 03.01.2016


A question will become worthy of being good only,when asked on right time & with the right intention by a right person! - 29.12.2015


Agreements are for those which are debate -worthy. Universal truths are just to be accepted! - 28.12.2015


There by the window side , I yet again ponder.. What more lies beyond the uncovered wonder? - 09.12.2015


दीवारें जिसकी रंग बदलती है , ऐसा है पिंजरा मेरा । मैं पंछी ठहरी आसमान की । आज़ादी ही कैद मेरा । - 08.12.2015

यादों के पन्नों से , कुछ पुराने सपनों को बटोर फिर चल दिए , एक नए सुबह की ओर ! - 20.11.2015


This indeed is the sort of void, which I can't anymore, anyhow avoid! - 16.11.2015


भीड़ से अलग रहने की जद्दोजहद तभी मुमकिन है जब भीड़ का हिस्सा हों ।
वाह रे दुनिया ! 
वाह रे ज़िंदगी ! - 02.10.2015


ये आँखें सभी को तोल लेती हैं , 
पर आँखों के तराज़ू में तुम्हें ना तोल पाए... 
यादों के भार से वो तराज़ू ही टूट गए ! - 30.10.2015



ध्वनि से जुड़े रहकर यदि शोर से अलग हो पाए तो ठीक है... 
सुर गूँज उठे कभी तो ज़िंदगी से उम्मीदें भी बढ़ ही जाएँगी । - 07.09.2015


Her pulse raced up & breathing became shallower. 
With shaky fingers she typed in one last time- End of Chapter! - 22.07.2016


खामोशी के अँधेरे से
बातों के उजाले तक जाने कितनी सदियों के , मुस्कान- आँसुओं के खट्टे - मीठे बुलबुले से दर्मियाँ कम होते गए । - 21.07.2015


I'm just like the sand, winds of time will blow me away, the sun makes me warm! Hold me gently & I will stay , clench me hard will flow away - 10.07.2015



दूर थी पर दूरी इतनी न थी कि कम न हो सके..... अब पास इतने हो गए कि दूरीयों से फर्क न पड़ा । - 07.07.2015


Control your desires now, to curb the regret later.    -20.06.2015


चकोर थी या थी वो चाँदनी ,
चाँद से पूछना था आज उसे,
पर चाँद अपने सवालों में कुछ ऐसे उलझा, अनसुलझी पहेली बन वो चली गई दूर अपने लहरों को समेटने | - 12.06.2015


ज़रूरतें पूरी हो जाती है, हसरतें अधूरी रह जाती है। आदतें बदल जाती है, और लतों से पीछा जल्दी छूटता ही नहीं । - 04.06.2015




तुम्हारे मन की किताब के कुछ पन्नें , एक हमने वक़्त पलटे थे। लेकिन आज भी उन पन्नों पर, अपनी निशान ढूंढते हैं । - 03.06.2015


If you want to fight for yourself , first wage a war with your own self! - 02.06.2015

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